Saphala Ekadashi Vrat Katha | सफला एकादशी व्रत कथा  | Ekadashi vrat katha | एकादशी व्रत कथा

Saphala Ekadashi Vrat Katha | सफला एकादशी व्रत कथा | Ekadashi vrat katha | एकादशी व्रत कथा

Saphala Ekadashi Vrat Katha | सफला एकादशी व्रत कथा | Ekadashi vrat katha | एकादशी व्रत कथा #kathakasangamlive #ekadashi #ekadashivrat #ekadashivratkatha #viralvideo #vrat #katha #kahaniyan #bhajan #kirtan #vratkathayen #vishnukatha ‪@kathakasangamlive‬ ‪@ManoranjanviralShorts‬ चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) पापमोचनी एकादशी (चैत्र कृष्ण एकादशी) महत्त्व: पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत। कथा: ऋषि मेधावी ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पापों से मुक्ति पाई। कामदा एकादशी (चैत्र शुक्ल एकादशी) महत्त्व: सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला व्रत। कथा: एक गंधर्व ने इस व्रत के प्रभाव से श्राप से मुक्ति पाई। वैशाख मास (अप्रैल-मई) वरूथिनी एकादशी (वैशाख कृष्ण एकादशी) महत्त्व: जीवन के संकटों को समाप्त करने वाला व्रत। कथा: राजा मान्धाता ने इस व्रत का पालन किया और अपने पापों से मुक्ति पाई। मोहिनी एकादशी (वैशाख शुक्ल एकादशी) महत्त्व: मोह-माया और पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत। कथा: भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत दिलवाया था। ज्येष्ठ मास (मई-जून) अपरा एकादशी (ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी) महत्त्व: अपार धन-संपत्ति और यश की प्राप्ति होती है। कथा: श्रीकृष्ण ने इस व्रत के महत्त्व का वर्णन युधिष्ठिर को दिया था। निर्जला एकादशी (ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी) महत्त्व: वर्ष भर के सभी एकादशियों का फल एक साथ प्राप्त होता है। कथा: भीमसेन ने इस एकादशी का पालन किया और वर्ष भर के व्रतों का फल प्राप्त किया। आषाढ़ मास (जून-जुलाई) योगिनी एकादशी (आषाढ़ कृष्ण एकादशी) महत्त्व: स्वास्थ्य और पापमुक्ति के लिए महत्वपूर्ण। कथा: माली हेममाली ने इस व्रत का पालन कर श्राप से मुक्ति पाई। देवशयनी एकादशी (आषाढ़ शुक्ल एकादशी) महत्त्व: भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। कथा: इस दिन भगवान विष्णु शयन करते हैं, इसलिए इसे "शयन एकादशी" भी कहते हैं। श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) कामिका एकादशी (श्रावण कृष्ण एकादशी) महत्त्व: विष्णु भक्ति और पापों के नाश के लिए महत्त्वपूर्ण। कथा: इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को गौदान और तीर्थ यात्रा के समान फल प्राप्त होता है। श्रावण पुत्रदा एकादशी (श्रावण शुक्ल एकादशी) महत्त्व: संतान प्राप्ति के लिए किया जाने वाला व्रत। कथा: इस व्रत के प्रभाव से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त होता है। भाद्रपद मास (अगस्त-सितंबर) अजा एकादशी (भाद्रपद कृष्ण एकादशी) महत्त्व: पापों के नाश और मोक्ष के लिए महत्वपूर्ण। कथा: राजा हरिश्चंद्र ने इस व्रत का पालन कर अपने सभी कष्टों से मुक्ति पाई। परिवर्तिनी/पार्श्वा एकादशी (भाद्रपद शुक्ल एकादशी) महत्त्व: भगवान विष्णु अपनी करवट बदलते हैं। कथा: इस दिन भगवान विष्णु अपनी करवट बदलते हैं और इसे "परिवर्तिनी एकादशी" कहते हैं। आश्विन मास (सितंबर-अक्टूबर) इन्दिरा एकादशी (आश्विन कृष्ण एकादशी) महत्त्व: पितरों के उद्धार और पितृ दोष से मुक्ति के लिए। कथा: राजा इन्द्रसेन ने इस व्रत का पालन कर अपने पिता को पितृलोक से मुक्ति दिलाई। पापांकुशा एकादशी (आश्विन शुक्ल एकादशी) महत्त्व: पापों के नाश और पुण्य की प्राप्ति के लिए। कथा: एक शिकारी ने अनजाने में इस व्रत का पालन किया और उसे विष्णु लोक की प्राप्ति हुई। कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) रमा एकादशी (कार्तिक कृष्ण एकादशी) महत्त्व: भगवान विष्णु के बैकुंठ धाम की प्राप्ति के लिए। कथा: इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। देवप्रबोधिनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल एकादशी) महत्त्व: चार महीने की योग निद्रा के बाद भगवान विष्णु जागते हैं। कथा: इस दिन से शुभ कार्य जैसे विवाह आदि की शुरुआत होती है। मार्गशीर्ष मास (नवंबर-दिसंबर) उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी) महत्त्व: संकटों से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय। कथा: माता एकादशी का प्राकट्य हुआ और उन्होंने मुर दैत्य का वध किया। मोक्षदा एकादशी (मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी) महत्त्व: मोक्ष की प्राप्ति के लिए। कथा: श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत का महत्त्व बताया था। पौष मास (दिसंबर-जनवरी) सफला एकादशी (पौष कृष्ण एकादशी) महत्त्व: सभी कार्यों में सफलता। कथा: इस व्रत के पालन से सभी कार्य सफल होते हैं। पुत्रदा एकादशी (पौष शुक्ल एकादशी) महत्त्व: संतान प्राप्ति के लिए। कथा: संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन किया जाता है। माघ मास (जनवरी-फरवरी) षट्तिला एकादशी (माघ कृष्ण एकादशी) महत्त्व: पुण्य और पापों के नाश के लिए। कथा: तिल के दान और सेवन का विशेष महत्त्व होता है। जया एकादशी (माघ शुक्ल एकादशी) महत्त्व: भूत-प्रेत के भय से मुक्ति। कथा: इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। फाल्गुन मास (फरवरी-मार्च) विजया एकादशी (फाल्गुन कृष्ण एकादशी) महत्त्व: विजय और सफलता की प्राप्ति के लिए। कथा: श्रीराम ने लंका पर विजय पाने के लिए इस व्रत का पालन किया। आमलकी एकादशी (फाल्गुन शुक्ल एकादशी) महत्त्व: आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए। कथा: आंवले के वृक्ष की पूजा इस दिन की जाती है। ________________________________________________ 🙏 यह वीडियो सिर्फ मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के उद्देश्य से बनाया गया है। ❌ इसका मकसद किसी भी व्यक्ति, समुदाय, धर्म या विचारधारा की भावनाओं को आहत करना नहीं है। 📜 यह वीडियो किसी विशेष व्यक्ति के जीवन या घटना पर आधारित नहीं है। ✨ हमारा उद्देश्य आपको सकारात्मक संदेश और प्रेरणा देना है। 👉 अगर वीडियो आपको पसंद आए, तो लाइक करें, शेयर करें और 'कथा का संगम लाइव' चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें। 🔔 नई कहानियों की अपडेट के लिए नोटिफिकेशन बेल दबाना न भूलें। ❤️ आपका प्यार और समर्थन हमारे लिए अमूल्य है! धन्यवाद! 🙏