
संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak | संकटमोचन नाम तिहारो | Jai Hanuman
संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak | संकटमोचन नाम तिहारो | Jai Hanuman आप सभी भक्तों से अनुरोध है कि आप @jaijai_tv चैनल को सब्सक्राइब करें व भजनो का आनंद ले व अन्य भक्तों के साथ Share करें व Like जरूर करें। Join Us :- ➤ Youtube :- / @jaijai_tv ➤ Facebook :- / jaijaitvofficial ➤ Instagram :- / jaijaitvofficial ► Album - Sankatmochan Hanuman Ashtak ► Song - Sankatmochan Hanuman Ashtak ► Singer - Sourajay Dev (Sourajoy Dev) ► Music - Sohini Manoj Mishra (Sohini Mishra) ► Lyrics - Traditional ➤ Label - Vianet Media ➤ Sub Label - Ambey ➤ Parent Label - Shubham Audio Video Pvt. Ltd. ➤ Trade Inquiry - [email protected] 12242-DVT_VNM/14327-TDVT-12242 For Reels :- ♪ Insta - / 370851512556978 ♪ Gaana - https://gaana.com/album/sankatmochan-... ♪ Amazon - https://music.amazon.com/albums/B0CVY... ♪ Jiosaavn - https://www.jiosaavn.com/album/sankat... ♪ Spotify - https://open.spotify.com/album/6vNLP5... ♪ Wynk - https://wynk.in/music/album/sankatmoc... ♪ Itune - / sankatmochan-hanuman-ashtak-single Bhajan Lyrics :- बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो । चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो । कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो । जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो । हेरी थके तट सिन्धु सबै तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो । ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मारो । चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावन मारो । लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो । आनि सजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर डारो । श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो । आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो । देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो । जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो । कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो । बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो ॥ को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ॥ दोहा ॥ लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर । वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर ॥ #hanumanashtak #sankatmochan #jaihanuman #bajrangbali #rambhakthanuman #sankatmochannaamtiharo #hanumanji #ramji #sankatmochanhanuman #veerhanumana #jaishreeram #bajrangi #bhaktisong #ashtak #devotionalsong #bajrangbaan #hanumanbhajan #vianetmedia #संकटमोचन_हनुमान_अष्टक #konahijanathaijagmein