विजया एकादशी व्रत कथा 2025| Vijaya Ekadashi Katha | महत्व, पूजा विधि एवं कथा | ‪@Shaktishiv-cz6fb‬

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🚩 विजया एकादशी व्रत कथा 2025 | Vijaya Ekadashi Vrat Katha | महत्व, पूजा विधि एवं कथा | 24 फरवरी 2025 🚩 तारीख: 24 फरवरी 2025, सोमवार ⏳ एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 फरवरी 2025 को रात 09:55 बजे ⏳ एकादशी तिथि समाप्त: 24 फरवरी 2025 को रात 08:04 बजे 🙏 पारण (व्रत खोलने का समय): 25 फरवरी 2025 को प्रातः 06:50 से 08:59 बजे तक 🔶 वीडियो में क्या मिलेगा? 📌 विजया एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त 📌 विजया एकादशी का महत्व और लाभ 📌 पूजा विधि और व्रत नियम 📌 भगवान श्रीराम से जुड़ी विजया एकादशी की पौराणिक कथा 📌 क्या करें और क्या न करें? 👉 अगर आप जीवन में सफलता और सभी कार्यों में विजय प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस एकादशी का व्रत जरूर करें! 🔷 विजया एकादशी का महत्व (Significance of Vijaya Ekadashi) ✔️ "विजया" का अर्थ ही होता है विजय और सफलता। ✔️ पद्म पुराण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने समुद्र पार करने से पहले इस व्रत का पालन किया था, जिससे उन्हें लंका पर विजय प्राप्त हुई। ✔️ इस व्रत को करने से सभी कष्टों और पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ✔️ इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम जाने का सौभाग्य मिलता है। 🔱 विजया एकादशी व्रत एवं पूजा विधि (Vrat and Puja Vidhi) 🪔 ब्राह्म मुहूर्त में स्नान कर संकल्प लें। 🌸 भगवान विष्णु को गंगाजल, पुष्प, तुलसी पत्र, और पंचामृत अर्पित करें। 📖 एकादशी की व्रत कथा सुनें और विष्णु सहस्रनाम या श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें। 🍎 फलाहार करें और अन्न का सेवन न करें। 🙏 रात्रि जागरण करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। 🍛 अगले दिन द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें। 📖 विजया एकादशी व्रत कथा (Vrat Katha - Story of Vijaya Ekadashi) 🌊 लंका युद्ध से पहले, भगवान श्रीराम समुद्र पार करने की योजना बना रहे थे। 🔹 उन्होंने समुद्र देवता से रास्ता देने की प्रार्थना की, लेकिन समुद्र ने मना कर दिया। 🔹 महर्षि वशिष्ठ ने श्रीराम को विजया एकादशी व्रत करने का सुझाव दिया। 🔹 भगवान श्रीराम और उनकी सेना ने इस व्रत का पालन किया। 🔹 व्रत के प्रभाव से समुद्र देवता प्रकट हुए और श्रीराम को लंका जाने का उपाय बताया। 🔹 इसी व्रत के प्रभाव से भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की। 👉 इसलिए यह व्रत हर प्रकार की बाधाओं को दूर कर सफलता दिलाने वाला माना जाता है। ⚡ विजया एकादशी पर क्या करें और क्या न करें? ✅ करने योग्य कार्य (Do’s) ✔️ भगवान विष्णु की पूजा करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। ✔️ तुलसी पत्र का सेवन करें और भगवान विष्णु को अर्पित करें। ✔️ जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन दान करें। ✔️ सात्विक आहार लें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। ✔️ रात्रि जागरण करें और भजन-कीर्तन करें। ❌ न करने योग्य कार्य (Don’ts) ❌ चावल, मसूर दाल, लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन का सेवन न करें। ❌ किसी भी जीव को कष्ट न दें और अहिंसा का पालन करें। ❌ झूठ न बोलें और क्रोध से बचें। ❌ नशा, तामसिक भोजन और अपवित्र वस्त्र धारण न करें। 🔔 निष्कर्ष (Conclusion) 🙏 विजया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन की हर कठिनाई दूर होती है और उसे हर कार्य में सफलता मिलती है। 🙏 इस व्रत को करने से न केवल सांसारिक लाभ होते हैं, बल्कि आत्मा भी शुद्ध होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 👉 अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें! 🔔 जय श्री हरि! हरि ओम! 🚩