
Diet For IGA Nephropathy - Berger's disease - IGA Nephropathy Treatment In Ayurveda - Karma Ayurveda
Diet For IGA Nephropathy - IGA nephropathy के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं! | किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसका मुख्य कार्य अपशिष्ट और अतिरिक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है। इम्यूनोग्लोबुलिन नेफ्रोपैथी (आईजीए नेफ्रोपैथी) किडनी की एक समस्या है जो ग्लोमेरूलस को प्रभावित करती है। यह रक्त-फिल्टरिंग फंक्शन के लिए जिम्मेदार रक्त वाहिकाओं का एक अहम माध्यम है। इस बीमारी को बर्गर डिजीज भी कहते हैं। आईजीए एक प्रोटीन है, जो शरीर को बैक्टिरिया और वायरस से बचाता है। लेकिन जब यह प्रोटीन किडनी के छोटे फिल्टर्स यानि की ग्लोमेरुली के अंदर गुच्छे बना लेते हैं, तो किडनी को नुकसान होना शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से सूजन आती है। जिसे हम आईजीए नेफ्रोपैथी कहते हैं। आईजीए नेफ्रोपैथी के लक्षण – • हाथ पैरों में सूजन आना • यूरिन से रक्त आना • हाई ब्लड प्रेशर अगर आपको भी यह लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। क्योंकि यह बीमारी बेहद गंभीर रूप ले लेती है और रोगी की जान भी जा सकती है। आईजीए नेफ्रोपैथी के लिए आहार परहेज – किडनी पर पड़ रहे दबाव को कम करने और किडनी के दबाब को धीमा करने के लिए बनाया जाता है। मरीज को बीमारी से कई अन्य नुकसान भी होते हैं जैसे कमजोरी आना, थकान होना। ऐसे मरीजों को उचित पोषक तत्व प्रदान करना बहुत जरुरी होता है इसलिए आईजीए नेफ्रोपैथी के लिए डाइट प्लान का पालन करें। • हाई पोटेशियम से परहेज करें - जो मरीज नेफ्रोपैथी की बीमारी से जूझ रहे हैं। वह समुंद्री सिवार, सोया सॉस, चाय, आलू, और केले जैसे हाई पोटेशियम के आहार से परहेज करें। • न करें पानी और नमक का सेवन – पानी और नमक का सेवन सीमित मात्रा में करने से दूषित पानी को कम किया जाता है और इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में मदद मिल सकती है। नेफ्रोलॉजिस्ट 130/80mmHg के भीतर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने पर जोर देते हैं, क्योंकि बीमारी को कम किया जा सके। पानी का सेवन 1000 मिलीलीटर से अधिक नहीं होना चाहिए और नमक का सेवन भी अधिक नहीं होना चाहिए। आप इससे सूजन के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित कर सकते हैं। • प्रोटीन का सेवन सीमित मात्रा में करें – किडनी के मरीजों को कम मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए, क्योंकि यूरिया नाइट्रोजन के रूप में प्रोटीन के ऐसे मेटाबोलिक उत्पाद को किडनी से निकाला जाता है जिससे किडनी के दबाव को कम किया जा सके। आईजीए नेफ्रोपैथी के मरीजों को सलाह दी जाती है कि वह प्रोटीन का सेवन सावधानी से करें, जिससे सूजन को कम किया जा सके और मूत्र 1000 मिलीलीटर से ऊपर उत्पादित हो सके। बाद में मरीज धीरे-धीरे प्रोटीन की खपत बढ़ा सकता है। इसी के साथ ही आप अंकुरित दाल, अंडे का सफेद भाग, मछली और दूध जैसे प्रोटीन को ले सकते हैं। आईजीए नेफ्रोपैथी के लिए आहार– ऐसे मरीज विटामिन सी को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। अधिक सब्जियां और फल जैसे - मीठी मिर्च, पालक, टमाटर, कीवी और स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन करें। पर्याप्त मात्रा में विटामिन आपकी बीमारी को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेदिक उपचार कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल दिल्ली का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्रो में से एक है। यह अस्पताल सन् 1937 में स्थापित किया गया था और आज इसकी नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया जाता है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। Follow us on : Linkedin: / karma-ayurveda-538a16122 Facebook: / karmaayurvedatreatment Twitter: https://twitter.com/01Ayurveda?lang=en G Plus : https://plus.google.com/+KidneyTreatm... Pinterest: / karmaayurveda01