
Aigiri Nandini - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची | #durga #ytshorts #viralvideo
Aigiri Nandini - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र | मधुबंती बागची | सिद्धार्थ अमित भावसार | तिलक प्रस्तुति बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 Listen to "Aigiri Nandini - Mahishasura Mardini Stotra" song on your favorite आदिशक्ति माँ दुर्गा को अयि गिरिनन्दिनि कहा जाता है| अयि गिरिनन्दिनि का अर्थ है पर्वत की पुत्रि | हिमालयराज की कन्या | माँ दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध किया था | पुराणों में उल्लेखित के अनुसार केवल मानव ही नहीं देवता भी असुरों के अत्याचार से परेशान हो गए थे। तब सभी देवगण ब्रह्माजी के पास गए और उनसे सामाधान मांगा। तब ब्रह्मा जी ने बताया कि दैत्यराज का वध एक कुंवारी कन्या के हाथ ही हो सकता है।इसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर अपने तेज को एक जगह समाहित किया और इस शक्ति से देवी का जन्म हुआ। देवी के शरीर का अंग प्रत्येक देव की शक्ति के अंश से उत्पन हुआ था।देवी का जन्म तो हो गया, लेकिन महिषासुर के अंत के लिए देवी को अभी भी अपार शक्ति की जरूरत थी। तब भगवान शिव ने उनको अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र, हनुमान जी ने गदा, श्रीराम ने धनुष, अग्नि ने शक्ति व बाणों से भरे तरकश, वरुण ने दिव्य शंख, प्रजापति ने स्फटिक मणियों की माला, लक्ष्मीजी ने कमल का फूल, इंद्र ने वज्र, शेषनाग ने मणियों से सुशोभित नाग, वरुण देव ने पाश व तीर, ब्रह्माजी ने चारों वेद तथा हिमालय पर्वत ने माता उनका वाहन सिंह दिया। इन सभी अस्त्र-शस्त्र को देवी दुर्गा ने अपनी 18 भुजाओं में धारण किया।अस्त्र-शस्त्र और आंतरिक शक्ति से देवी का विराट रूप बन गया और असुर उन्हें देख कर ही भयभीत होने लगे। देवी के पास सभी देवताओं की शक्तियां हैं। उनके जैसा कोई दूसरा शक्तिशाली नहीं है, उनमें अपार शक्ति है, उन शक्तियों का कोई अंत नहीं है, इसलिए वे आदिशक्ति कहलाती हैं। #aigirinandini #mahishasurnandini #maadurga #navratri #tilak #youtube