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कुरूक्षेत्र का युद्ध अपरिहार्य था और सत्य के लिए युद्ध करना क्षत्रिय का धर्म है।
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अध्याय 2 श्लोक 27
कुरूक्षेत्र का युद्ध अपरिहार्य था और सत्य के लिए युद्ध करना क्षत्रिय का धर्म है।
भगवद्गीता बस 5 मिनटों में | भगवद्गीता यथारूप सीरिज 2.27 | गीता का सार | श्रीमान जितामित्र प्रभु
"कर्म, धर्म और मुक्ति का संदेश - कुरुक्षेत्र का सत्य। #GeetaGyan #IshwarBhaktPP" #harekrishna #yt
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 27
जातस्य हि ध्रुवो मृत्युध्रुवं जन्म मृतस्य च।तस्मादपरिहार्ये ऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि ।।
GEL - BG 2.27 - मृत्यु निश्चित है और मृत्यु के पश्चात् पुनर्जन्म भी निश्चित है
BG 2.27 | श्रीमद भगवद गीता यथारूप | Bhagavad Gita in Hindi | जन्म के बाद मृत्यु और फिर पुनर्जन्म ?
Bhagavad Gita।। अध्याय 2 । श्लोक 2.27
Srimad Bhagavad- Gita - as it is - Verse : 2.27