
महादेव का प्रलयंकारी तांडव. शिव तांडव: विनाश और सृजन का नर्तन. भोलेनाथ का प्रलय तांडव#shiv # shorts
महादेव का प्रलयंकारी तांडव. शिव तांडव: विनाश और सृजन का नर्तन. भोलेनाथ का प्रलय तांडव#shiv # shorts भगवान भोलेनाथ का तांडव भगवान शिव को संहार और सृजन के देवता के रूप में जाना जाता है, और उनका तांडव नृत्य उनके दिव्य शक्ति और ब्रह्मांडीय लय का प्रतीक है। तांडव नृत्य मुख्य रूप से दो रूपों में विभाजित किया जाता है: 1. रौद्र तांडव (सांहारिक तांडव) – यह प्रलय और संहार का नृत्य है, जिसे भगवान शिव क्रोध में करते हैं। जब अधर्म बढ़ जाता है, और संसार में असंतुलन उत्पन्न होता है, तब शिव इस तांडव के माध्यम से बुराई का अंत करते हैं। 2. आनंद तांडव (सृजन तांडव) – यह सृजन और आनंद का नृत्य है, जिसमें शिव अपनी दिव्य लीलाओं के माध्यम से संसार की पुनर्रचना करते हैं। यह नृत्य सौंदर्य, संगीत और शक्ति का प्रतीक है। शिव तांडव की पौराणिक कथाएँ 1. सती के वियोग में तांडव जब माता सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित होकर आत्मदाह कर लिया, तब शिव ने विकराल रूप धारण कर क्रोध में तांडव किया। वे सती के जले हुए शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमे, जिससे सृष्टि में अराजकता फैल गई। तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े किए, जो 51 शक्तिपीठों में गिरे। 🎶 #ShivTandavStotra, 🙏 #ShivaBhakti, 🎵 #ShivMantra, 🔔 #HarHarShambhu, ⚡ #ShivaTandav, 🌪️ #RudraRoop , 🔥 #DestructiveDance, 💥 #ShivaPower, 🔱 #Mahakal, 🔥 #Tandav, 🕉 #HarHarMahadev, 🌊 #ShivShankar, 🚩 #Bholenath,