गर्भवती महिलाओं के लिए ख़ास सुझाव 🤰अपनी प्रेगनेंसी को महीने और सप्ताह में कैसे समझे ? #pregnancy

गर्भवती महिलाओं के लिए ख़ास सुझाव 🤰अपनी प्रेगनेंसी को महीने और सप्ताह में कैसे समझे ? #pregnancy

गर्भवती महिलाओं के लिए ख़ास सुझाव 🤰अपनी प्रेगनेंसी को महीने और सप्ताह में कैसे समझे ? #pregnancy प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। इस दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा शारीरिक और मानसिक बदलाव का सामना करती हैं, जिसके कारण डॉक्टर उन्हें कम से कम शुरुआती 12 सप्ताह तक संतुलित आहार के सेवन की सलाह देते हैं। एनसीबीआई के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन रोजाना से 300 से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के दौरान सही केयर स्वस्थ संतान के जन्म में मददगार साबित हो सकता है। प्रेगनेंसी में संतुलित आहार का महत्व प्रेगनेंसी में संतुलित और पौष्टिक आहार मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। सामान्यतः महिलाओं के मन में गर्भावस्था के संबंध में कुछ सवाल होते हैं, जिनके जवाब हम इस ब्लॉग से देने वाले हैं जैसे -  प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए प्रेगनेंसी में खाने पीने का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि स्वस्थ और संतुलित आहार प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है और स्वस्थ संतान की प्राप्ति में मदद करता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या खाएं - अधिक फाइबर: प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या होना एक आम स्थिति है। इस दौरान अपने पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए उन्हें अपने आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। क्योंकि इससे गैस या कब्ज होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।  हरे पत्तेदार सब्जियां खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तियों वाली सब्जी के सेवन की सलाह दी जाती है। पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकली उनके लिए लाभकारी साबित हो सकती है। चलिए अब बात करते हैं कि प्रेगनेंसी में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए। बैंगन, कच्ची सब्जियों और करेला गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स: डेयरी प्रोडक्ट्स गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होते हैं। दूध, छाछ, दही और घी प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के विकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करते हैं। फल और उनके रस का सेवन करें: ताजे फल और उनका रस प्रेगनेंसी में मां और बच्चे, दोनों के स्वस्थ रखने में लाभकारी साबित होगा। सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और उसका रस गुणकारी है और स्वस्थ संतान होने में मदद करता है। इससे आपको एक और प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा कि गर्भवती महिला को कौन सा फल खाना चाहिए। लेकिन पपीता, अनानास और अंगूर से गर्भवती महिलाओं को दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। सूखा मेवा खाएं: प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बहुत लाभकारी होगा। बादाम, अखरोट और काजू को अपने आहार में शामिल करें क्योंकि यह कई तरह के विटामिन, कैलोरी, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसकी आवश्यकता मां और बच्चे दोनों को होती है। अंडे खाएं: अंडा एक पौष्टिक आहार है। अंडे में प्रोटीन, बायोटिन, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन-डी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो एक प्रेग्नेंट महिला के लिए आवश्यक है। होल ग्रेन: होल ग्रेन जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस और किनोआ को गर्भवती महिलाएं अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। प्रेगनेंसी में इन बातों का रखें खास ध्यान प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए  इस बात का खास ध्यान रखें। इससे स्वस्थ संतान की संभावना प्रबल होती हैं -  अधिक मात्रा में पानी पीएं: दिन में कम से कम चार लीटर पानी पीएं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकलते रहते हैं।  स्वयं दवा का सेवन न करें: यदि आप स्वयं प्रेगनेंसी से संबंधित किसी भी दवा का सेवन करते हैं, तो यह आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर के सुझाव के बिना किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके साथ-साथ प्रेगनेंसी की जांच जरूर करवाएं।  कैफीन से दूरी कैसे बनाएं: गर्भवती महिलाओं को चाय, चॉकलेट और कॉफी से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। इससे हृदय गति और रक्त संचार में तेजी आती है, जिसके कारण महिला को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।  शराब से दूर रहें: सामान्यतः शराब का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के लिए हानिकारक होता है। इसके अतिरिक्त किसी भी मादक पदार्थ का सेवन भी प्रेगनेंसी में जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है। कच्चा पपीता न खाएं: कच्चे पपीते के सेवन से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए क्योंकि उसमें एक रसायन होता है जिसके कारण भ्रूण को नुकसान हो सकता है।  अंकुरित पदार्थ न खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान अंकुरित पदार्थ का सेवन भी नहीं करना चाहिए। साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया उन अंकुरित पदार्थ में होते हैं, जिसके कारण महिला को फूड पॉइज़निंग की समस्या हो सकती है और प्रेगनेंसी में समस्या उत्पन्न हो सकती है। कच्चे मांस का सेवन न करें: कच्चा मांस गर्भपात की समस्या को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त फल और सब्जियों को बिना धोए प्रयोग न करें। व्यायाम करें: हल्का फुल्का व्यायाम आवश्यक है। पहले के समय में गर्भवती महिलाओं को घर के सारे काम करने की सलाह दी जाती थी। इसके अतिरिक्त यूटीआई के संबंध में भी डॉक्टर कुछ खास प्रकार के व्यायाम की सलाह देते हैं।  थायराइड और प्रेगनेंसी की जांच करवाते रहें: हाइपोथायराइड की स्थिति में मिसकैरेज होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसी स्थिति में हमेशा समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं। विशिष्ट तौर पर थायराइड और प्रेगनेंसी की जांच आवश्यक होती है। #doctor #pregnancy #pregnant #pregnancytips #pregnancyjourney #pregnancycare #pregnancysymptoms #pregnancyvlog #pregnancyannouncement #pregnancyeducation #pregnancyreveal