चैत्र मास की दशमी तक सुनें.दशा माता की दस कहानी l dasha mata ki 10 kahaniya l dasha mata ki 10 katha

चैत्र मास की दशमी तक सुनें.दशा माता की दस कहानी l dasha mata ki 10 kahaniya l dasha mata ki 10 katha

चैत्र मास की दशमी तक सुनें..दशा माता की दस कहानी l dasha mata ki 10 kahaniya l dasha mata ki 10 katha खराब दशा सुधर जायेगी सुनें..दशा माता की दस कहानी l dasha mata ki 10 kahaniya l dasha mata ki 10 katha #KrishnaGopal108k #dashamatakidashkahani #dashamatakikatha #dashamatakavratkabhai #dashamatakivratkikatha होली के दसवें दिन हिंदू धर्म में विवाहित महिलाएं अपने परिवार की सलामती और सुखमय जीवन के लिए चैत्र कृष्ण दशमी तक दशामाता का व्रत रखती हैं. दशा माता व्रत 2025 कथा कहानी पूजा विधि डेट महत्व सनातन धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार विवाहि महिलाएं पति और परिवार की सलामती के लिए दशा माता का व्रत धारण करती हैं. नियमानुसार इस दिन पीपल के पेड़ का सच्ची श्रद्धा से पूजन करती हैं। पूजन के बाद नल दमयंती की व्रत कथा का श्रवण किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में दिए गए उल्लेख के अनुसार इस दिन झाड़ू की खरीददारी करना भी शुभ माना जाता हैं. इस दिन पीपल के वृक्ष की छाल को उतारकर घर लाया जाता है। उसे घर की अलमारी या तिजोरी में सोने के आभूषण के साथ रखा जाता है। व्रत धारण करने वाली महिलाएं एक वक्त भोजन का धारण करती हैं। खास बात यह है कि, उपवास तोड़ते समय किये जाने वाले भोजन में नमक का प्रयोग बिलकुल नहीं किया जाता हैं। Dasha Mata Ki Puja Vidhi In Hindi चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को यह व्रत विशेष रूप से सुहागन स्त्रियों द्वारा किया जाता हैं। दशा माता के व्रत की पूजा विधि तथा तरीका इस प्रकार हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए पूजा की जाए तो सुखद फल की प्राप्ति शत प्रतिशत संभव हैं। सुबह नहाने धोने के बाद इस व्रत को धारण किया जाना चाहिए। जिसकी पूजा घर में ही सम्पन्न की जा सकती हैं. घर के एक साफ़ सुथरे कोने में स्वास्तिक का चिह्न बनाए। तथा उनके पास 10 बिंदियाँ बनाए. पूजा की सामग्री में रोली, मौली , सुपारी, चावल, दीप, नैवेद्य, धुप आदि को अवश्य लाए। अब दश माता की बेल बनाए जो एक धागे में गांठे बंधकर उन्हें हल्दी रंग में रंगकर बनाए। पूजन के बाद इसे गले में धारण करना चाहिए. यह धागा वर्षभर गले में धारण किया जाता हैं। अगले वर्ष की दशा माता के पूजन तक इसे पहनकर रखा जाता हैं जिसे पूजा के बाद उतार दिया जाता हैं. इस धागे को पहनने के बाद मानव मात्र का बुरा वक्त समाप्त होकर अच्छे समय की शुरुआत हो जाती हैं। दशामाता पूजा 2025 शुभ मुहूर्त चैत्र महीने की दशमी तिथि को हिन्दू महिलाओं द्वारा इस व्रत को रखा जाता हैं। घर की सुहागन स्त्री मंगल कामना के लिए दशामाता व्रत रखती हैं। दशा माता पूजा में कच्चे सूत का 10 तार का डोरा, जिसमें 10 गठानें लगाते हैं, लेकर पीपल की पूजा करती हैं। व्रत की पूजा के समय कथा का वाचन अवश्य करना चाहिए.। एक ही प्रकार का अन्न एक समय खाती है। दशामाता बेल के पूजन के बाद इसे गले में पूजा जाता हैं। यह व्रत आजीवन किया जाता है जिसका उद्यापन नहीं होता हैं। Dasha Mata 2025 Ki Puja Vidhi In Hindi | दशा माता व्रत 2025 पूजन विधि सामग्री दोस्तों यदि आप सुखमय जीवन जीने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं। बावजूद आपके जीवन में सुख और समृद्धि नहीं आ रही हो तो, यानि दूसरे शब्दों में समझे तो जब भाग्य उल्टा खड़ा हो जाता हैं तथा जीवन में बुरे दिनों का सामना कर रहे हैं। तो इस समस्या से एक तरीके से निजात पाई जा सकती हैं वह है दशा माता का व्रत रखने से तथा विधि विधान के अनुसार उनकी पूजा करने से तमाम संकटों से छुटकारा पा सकते हैं।