
आमल की एकादशी _फाल्गुन शुक्ल एकादशी_कितनी पुण्यदायी है यह एकादशी
आमल की एकादशी _फाल्गुन शुक्ल एकादशी_कितनी पूर्णताई है यह एकादशी Amalaki Ekadashi: आमलकी एकादशी पर 2 दुर्लभ योग में होगी सृष्टि के पहले वृक्ष की पूजा, आमलकी एकादशी कथा से मिलता है धन वैभव Amalaki Ekadashi: महाशिवरात्रि और होली के बीच पड़ने वाली फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी आमलकी एकादशी के नाम से जानी जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्तमान में यह फरवरी या मार्च महीने में आती है। इस साल आमलकी एकादशी 2025 दुर्लभ योग में पड़ रही है, इसमें आमलकी एकादशी व्रत कथा भी पढ़नी चाहिए। आइये जानते हैं आमलकी एकादशी व्रत पारण समय … Amalaki Ekadashi Vrat Katha 2025: आमलकी एकादशी व्रत कथा Amalaki Ekadashi Vrat Katha: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल एकादशी का आरंभ 9 मार्च सुबह 7.45 बजे हो रही है और इस तिथि का समापन सोमवार 10 मार्च 7.44 बजे हो रहा है। उदया तिथि में आमलकी एकादशी सोमवार 10 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। खास बात यह है कि आमलकी एकादशी सर्वार्थ सिद्धि और सिद्ध योग में मनेगी। सिद्ध योग पूरे दिन तो सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6.42 बजे से देर रात 12.51 बजे तक है। आमलकी एकादशी पारण तिथिः 11 मार्च को सुबह 06:41 बजे से सुबह 08:13 बजे तक पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समयः सुबह 08:13 बजे तक आइये पढ़ते हैं आमलकी एकादशी व्रत कथा(Amalaki Ekadashi Vrat Katha) आमलकी यानी आंवला वृक्ष को शास्त्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। आमलकी एकादशी व्रत कथा के अनुसार सृष्टि रचना के समय जब विष्णु जी से जब ब्रह्मा जी प्रकट हुए, उसी समय भगवान विष्णु ने आंवले के वृक्ष को भी जन्म दिया। आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है। मान्यता है कि इसके हर अंग में ईश्वर का वास होता है। इस एकादशी में आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है। आइये बताते हैं आमलकी व्रत कथा के बारे में