मत रखो ऐसे रीस्ते जो केवल दिखावा करते ||#krishna_motivation

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मत रखो ऐसे रीस्ते जो केवल दिखावा करते हैं ||#krishna_motivation हमारे चैनल में आपका स्वागत है।👏 हरे कृष्ण हरे कृष्ण,कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम,राम राम हरे हरे !! मेरा चैनल एक Education के मतलब से बनाया गया है | जिसका एकमात्र उद्देश्य यह है कि भगवान् श्री कृष्ण की बातों को लोगो तक पहुंचाया जा सके | यदि कोई व्यक्ति एक इन बातों को ध्यान से सुने और अपनाये तो वह अपने जीवन में बहुत Success (सफलता ) हासिल कर सकता है | इस channel के माध्यम से हम आपके सुख समाधान और खुशियां लाना चाहते है, इस channel में हर एक video आपके जीवन की मुश्किलों / दिक्कतों का सामना और समाधान बताएंगी, आप अपने जीवन में सही समय पर सही निर्णय लें खुशियां और हमेशा(Success) सफलता के पथ की ओर अग्रसर होते रहें || जय श्री राधे श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के द्वारा रण भूमि में अर्जुन को उपदेश दिए गए हैं। गीता की बातें मनुष्य को सही तरह से जीवन जीने का रास्ता दिखाती हैं। गीता के उपदेश हमें धर्म के मार्ग पर चलते हुए अच्छे कर्म करने की शिक्षा देते हैं। महाभारत में युद्ध भूमि में खड़े अर्जुन और कृष्ण के बीच के संवाद से हर मनुष्य को प्रेरणा लेनी चाहिए। चलिए जानते हैं... जब अर्जुन युद्ध भूमि में जाते हैं तो अपने सामने पितामह और सगे संबंधियों को देखकर विचलित हो जाते हैं। तब भगवान श्री कृष्ण उन्हें सही ज्ञान देते हैं। श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि हे पार्थ ये युद्ध धर्म और अधर्म के मध्य है । इसलिए अपने शस्त्र उठाओ और धर्म की स्थापना करो। भगवान श्री कृष्ण धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। मनुष्य को भी धर्म का पालन करना चाहिए। गीता में कहा गया है कि क्रोध से भ्रम उत्पन्न होता है जिससे बुद्धि व्यग्र हो जाती है। भ्रमित मनुष्य अपने मार्ग से भटक जाता है। तब सारे तर्कों का नाश हो जाता है, जिसके कारण मनुष्य का पतन हो जाता है। इसलिए हमें अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। र का आंकलन कर लेता है तभी उसका उद्धार हो पाता है। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मृत्यु एक अटल सत्य है, किंतु केवल यह शरीर नश्वर है। आत्मा अजर अमर है, आत्मा को कोई काट नहीं सकता अग्नि जला नहीं सकती और पानी गीला नहीं कर सकता। जिस प्रकार से एक वस्त्र बदलकर दूसरे वस्त्र धारण किए जाते हैं उसी प्रकार आत्मा एक शरीर का त्याग करके दूसरे जीव में प्रवेश करती है। विज्ञापन गीता जी के अध्याय 1 के श्लोक 1 से 19 तक इन श्लोकों में संजय धृतराष्ट्र को सेना की स्थिति तथा सेना में आए गणमान्य योद्धाओं के बारे में जानकारी दे रहा है। गीता अध्याय 1 के श्लोक 20 से 23 श्लोकों में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! मेरे रथ को दोनों सेनाओं के मध्य में ले चलो ताकि देख लूं कि मेरे सामने टिकने वाले कौन कौन से योद्धा हैं। गीता अध्याय 1 के श्लोक 24-25 में वर्णन है कि भगवान कृष्ण ने रथ को दोनों सेनाओं के मध्य में खड़ा करके अर्जुन से कहा कि देख सामने खड़े राजाओं तथा कुरुवंशियों को। गीता अध्याय 1 के श्लोक 26 से 45 तक के श्लोकों में वर्णन है कि अर्जुन ने युद्ध के लिए तत्पर अपने ही सम्बन्धियों, पुत्रों व पौत्रों, साले तथा ससुरों को मरने-मारने के लिए आए हुए देखा तो श्री कृष्ण जी से विशेष विवेक से कहा कि सामने खड़े मासूम बच्चों, अपने साथी व चचेरे भाईयों व सम्बन्धियों को देखकर मेरा शरीर काँप रहा है। धनुष हाथ से गिर रहा है। मैं खड़ा भी नहीं रह पा रहा हूँ। अपने ही जनों को मारना अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूँ। हे कृष्ण! न तो मैं विजय चाहता हूँ, न ही राज्य का सुख। चूंकि उनको जो स्वयं अपने राज्य व जान की परवाह (चिंता) न करके मरने को तैयार हैं उन्हें मार कर मैं राज्य नहीं चाहता। मैं बन्धुओं व पुत्र तथा पौत्रों को मारना नहीं चाहता। चाहे मुझे तीनों लोकों का राज्य भी क्यों न मिलता हो, फिर पृथ्वी के राज्य के लिए तो क्यों पाप करूँ? इनको मारने से तो पाप ही लगेगा। ऐसे कुकर्म करके हम कैसे सुखी हो सकते हैं? ये सामने खड़े राजा लोग तो मोह माया में अंधे हो रहे हैं। फिर हमें तो ज्ञान है। ऐसा क्यों करें कि कुल का नाश होने पर दूसरे दुष्कर्मी लोग हमारी स्त्रिायों को बलात तंग करेंगे। वर्णशंकर संतान हो जाएगी। पतिव्रता धर्म नष्ट हो जाएगा तथा धर्म कर्म न करने से नरक के भागी हो जाएंगे। वास्तव में हम बहुत पापी हैं जो अपने ही बन्धुओं को स्वार्थ वश मारने को तैयार हो गये हैं। गीता अध्याय 1 के श्लोक 46 में अर्जुन ने कहा कि भगवन इस पाप को बचाने के लिए यदि धृतराष्ट्र के पुत्र मुझ निहत्थे को मार दें और युद्ध न हो, तो भी मैं स्वयं मरना बेहतर समझता हूँ कि एक मेरे मरने से लाखों बहन विधवा होने से बच जाएंगी तथा लाखों मासूम बच्चे अनाथ होने से बच जाएंगे। गीता अध्याय 1 के श्लोक 47 में यह कह कर अर्जुन दुःखी मन से रथ के बीच वाले हिस्से में बैठ गया तथा धनुष को रख दिया। #krishnavichaar #krishnamotivationalspeech #amritvani #krishna_updesh #Radha_Krishna_vani | #krishna_motivational video | #krishna_vani_star_bharat #Br_chopda_mahabhart_status || #motivation_video || #motivation_speech_hindi_video || #SHRI_KRISHNA_VANI_STATUS || #geetasaar #geetasar 🌹🌹 FAIR-USE COPYRIGHT DISCLAIMER* Copyright Disclaimer under section 107 of the Copyright act 1976, allowance is made for for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and otherwise be infringing. Non-Profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use. 💞THANKS FOR WATCHING💞