Tu Khud Ki Khoj Mein Nikal | Amitabh Bachchan Poem for Self-Discovery & Motivation #banaraslitfest

Tu Khud Ki Khoj Mein Nikal | Amitabh Bachchan Poem for Self-Discovery & Motivation #banaraslitfest

Tu Khud Ki Khoj Mein Nikal | Tu Chal | Tu Khud Ki Khoj Me Nikal | Amitabh Bachchan's Best Motivational Poem | Amitabh Bachchan Poem | Inspirational Poem Poetry Art Perform Tu Khud Ki Khoj Me Nikal ft. Mr. Amitabh Bachchan Lyrics - तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ समझ न इन को वस्त्र तू .. (x२) ये बेड़ियां पिघाल के बना ले इनको शस्त्र तू बना ले इनको शस्त्र तू तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है चरित्र जब पवित्र है तो क्यों है ये दशा तेरी .. (x२) ये पापियों को हक़ नहीं की ले परीक्षा तेरी की ले परीक्षा तेरी तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जला के भस्म कर उसे जो क्रूरता का जाल है .. (x२) तू आरती की लौ नहीं तू क्रोध की मशाल है तू क्रोध की मशाल है तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है चूनर उड़ा के ध्वज बना गगन भी कपकाएगा .. (x२) अगर तेरी चूनर गिरी तो एक भूकंप आएगा तो एक भूकंप आएगा तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है | Nav Bharat Nirman Samiti और Banaras Lit Fest द्वारा आयोजित 2024 के इस खास कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने अमिताभ बच्चन की प्रेरणादायक कविता "तू खुद की खोज में निकल" पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। इस अनोखी प्रस्तुति ने सभी दर्शकों का दिल जीत लिया और बच्चों की प्रतिभा ने आत्म-खोज और प्रेरणा की भावना को बखूबी उभारा। इस अद्भुत कला-प्रदर्शन के जरिए उन्होंने कविता के हर शब्द में छिपे संदेश को बेहद प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। यह नृत्य प्रेरणा और कला के संगम का बेहतरीन उदाहरण था। #TuKhudKiKhojMeinNikal #AmitabhBachchanPoem #DancePerformance #Inspiration #MotivationalPoetry #SchoolDance #BanarasLitFest2024 #NavBharatNirmanSamiti #SelfDiscovery #Prerna #PoetryInMotion #ArtAndCulture #InspiringYouth #PerformanceArt