भगवद्गीता बस 5 मिनटों में | भगवद्गीता यथारूप सीरिज 2.21 | गीता का सार | श्रीमान जितामित्र प्रभु

भगवद्गीता बस 5 मिनटों में | भगवद्गीता यथारूप सीरिज 2.21 | गीता का सार | श्रीमान जितामित्र प्रभु

#IskconDelhi, #BhagavadGita, #gita श्रीमद् भगवद्गीता यथारूप अध्याय 2 : गीता का सार श्लोक 2 . 21 वेदा विनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम् | कथं स पुरुषः पार्थ कं घातयति हन्ति कम् || २१ || वेद – जानता है; अविनाशिनम् – अविनाशी को; नित्यम् – शाश्र्वत; यः – जो; एनम् – इस (आत्मा); अजम् – अजन्मा; अव्ययम् – निर्विकार; कथम् – कैसे; सः – वह; पुरुषः – पुरुष; पार्थ – हे पार्थ (अर्जुन); कम् – किसको; घातयति – मरवाता है; हन्ति – मारता है; कम् – किसको | भावार्थ हे पार्थ! जो व्यक्ति यह जानता है कि आत्मा अविनाशी, अजन्मा, शाश्र्वत तथा अव्यय है, वह भला किसी को कैसे मार सकता है या मरवा सकता है ? तात्पर्य प्रत्येक वस्तु की समुचित उपयोगिता होती है और जो ज्ञानी होता है वह जानता है कि किसी वस्तु का कहाँ और कैसे प्रयोग किया जाय | इसी प्रकार हिंसा की भी अपनी उपयोगिता है और इसका उपयोग इसे जानने वाले पर निर्भर करता है | यद्यपि हत्या करने वाले व्यक्ति को न्यायसंहिता के अनुसार प्राणदण्ड दिया जाता है, किन्तु न्यायाधीश को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि वह न्यायसंहिता के अनुसार ही दूसरे व्यक्ति पर हिंसा किये जाने का आदेश देता है | मनुष्यों के विधि-ग्रंथ मनुसंहिता में इसका समर्थन किया गया है कि हत्यारे को प्राणदण्ड देना चाहिए जिससे उसे अगले जीवन में अपना पापकर्म भोगना ना पड़े | अतः राजा द्वारा हत्यारे को फाँसी का दण्ड एक प्रकार से लाभप्रद है | इसी प्रकार जब कृष्ण युद्ध करने का आदेश देते हैं तो यह समझना चाहिए कि यह हिंसा परम न्याय के लिए है और इस तरह अर्जुन को इस आदेश का पालन यह समझकर करना चाहिए कि कृष्ण के लिए किया गया युद्ध हिंसा नहीं है क्योंकि मनुष्य या दूसरे शव्दों में आत्मा को मारा नहीं जा सकता | अतः न्याय के हेतु तथाकथित हिंसा की अनुमति है | शल्यक्रिया का प्रयोजन रोगी को मारना नहीं अपितु उसको स्वस्थ बनाना है | अतः कृष्ण के आदेश पर अर्जुन द्वारा किया जाने वाला युद्ध पूरे ज्ञान के साथ हो रहा है, उससे पापफल की सम्भावना नहीं है | *अनुवाद एवं तात्पर्य: श्रील ए.सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद *********************************************************************************************** @Sri Sri Radha Parthsarathi Mandir, ISKCON Delhi, Hare Krishna Hill, Sant Nagar Main Road, East of Kailash, New Delhi - 110065.